I WANT TO FLOW, GIVE ME A BLOW !!

अब आपसे और क्या उम्मीद हम रखलें,
सुकून आप दे नहीं सकती, और...
और भी ज्यादा दर्द हम ले नहीं सकते ।।
तो खुश रहो तुम जहां कहीं भी रहो,
हम भी जी रहें हैं कि तुम यहीं तो हो ।।
तुम तो चल ही रही थी खुशी से अपनी राहों पर,
भूल से जरा भटक क्या गई, तो लगा मैंने मंज़िल पा ली ।।
खैर अब तो खैरियत है कि फिर से है सब सही सही,
दुआ बस हमेशा से यही थी और शायद जो रहे भी ।।
खुदा करे कि काश तुम भटक जाओ एकबार फिर से वहीं कहीं,
और इसबार याद तुम्हारी रह जाए भले हर घड़ी नहीं बस कभी कभी ।।
पलकों को बिछा के देख मैं तेरे इंतज़ार में हूं,
पहले मैं जहां कहीं था, अब भी मैं वहीं कहीं हूं ।।

---©अल्फ़ाज़ी_आशुतोष


Comments

Popular Posts